आपने रंजना भाटिया जी का और कून्नू सिंह का ब्लॉग ध्यान से देखा है? इन दोनों के अलावा कई और भी ब्लॉग है जिन्हें फायर फॉक्स में खोलने पर शब्द बिखरे बिखरे दिखाई देते हैं। जहाँ रंजना जी के ब्लॉग पर हैडर के नीचे लिखे कुछ शब्दों, साईडबार और टिप्पणी गड़बड़ दिखाई देती है वहीं कून्नू जी का तो पूरा ब्लॉग ही फायर फॉक्स में पढ़ने के लायक नहीं रहता।
चित्र दॆखिये लाल घेरे और लाल तीर के निशान वाले हिस्से कैसे दिख रहे हैं ( बड़ा करने के लिये चित्र पर क्लिक करें)
मेरी तरह कई मित्र फायरफॉक्स को ज्यादा पसंद करते हैं, अब वे इस तरह के ब्लॉग्स या टिप्पणी को पढ़ने के लिये पोस्ट को फॉयर फोक्स में खोलने से रहे! कई चिट्ठाकारों ने टेम्पलेट बदलने के बाद पाया कि यह फायरफॉक्स में काम नहीं करता तब उहें सूचना तक लगानी पड़ी कि यह ब्लॉग FF में नहीं खुलसकेगा।
ऐसे में आपका अच्छा लेख पाठक तक नहीं पहुंच पाता और आप कई टिप्पणीयों के अलावा आप अपने एक पाठक का भी नुकसान करते हैं।इसका हल चाहते हैं, बहुत ही आसान है!
आईये आप ऐसा करें अपने चिट्ठे के Dashboard- Layout में जा कर Edit Html वाले हिस्से में जायें, और यह लाइन खोज लें #outer-wrapper { इस लाइन में आपको text align : justify .. यह जस्टीफाई शब्द ही सारे फ़साद की जड़ है, अंग्रेजी में तो यह बड़ा लुभावना लगता है पर हिन्दी लेखों के लिये परेशानी खड़ा करता है, इसे आप left से बदल दें
उदाहरण के लिये
कुन्नू सिंह के चिट्ठे पर
#outer-wrapper { width: 1005px; margin: 0px auto 0; text-align: justify; } को बदल कर#outer-wrapper { width: 1005px; margin: 0px auto 0; text-align: left; } करना होगा
और रंजना जी को
#outer-wrapper { width: 798px; margin: 0px auto 0; text-align: justify; font: normal normal 100% Verdana, sans-serif; } की जगह
#outer-wrapper { width: 798px; margin: 0px auto 0; text-align: left; font: normal normal 100% Verdana, sans-serif; } करना होगा।
अब आप सेव करने से पहले प्रिव्य़ु देख लें सही हो गया होगा, आप अब सेव कर लें, आपका काम पूरा हो चुका है ... अब रंजनाजी और कून्नू सिंह का ब्लॉग कुछ इस तरह दिखने लगेगा। खुल रहा है ना फायरफॉक्स में भी बिल्कुल सही?
चलते चलते आप सबके लिये एक पहेली... मैने रंजना जी और कून्नूजी के ब्लॉग के सदस्य बने बिना उनके ब्लॉग को कैसे सुधारा? जवाब चित्रों में ही है ध्यान देने पर मिल जायेगा।
भाई कुन्नूजी अब जरा वर्तनी की अशुद्धियों पर भी जरा ध्यान दें..:)