अफलातूनजी के ब्लॉग पर गीता दत्त और लताजी के सुहाने गीत सुनते समय आपके ध्यान में यह बात जरूर आई होगी कि अरे वाह यह प्लेयर तो बहुत बढ़िया है! इसमें तो एक से ज्यादा गाने आसानी से बजाये जा सकते हैं।
इस प्लेयर की एक और बड़ी खासियत है कि आपको अपने पसंदीदा गानों को अपलोड नहीं करना होता, और ना ही आपको ईस्निप्स पर खाता बनाने की जरूरत होती है। ईस्निप्स पर मौजूद गानों में से ही आप ऐसा प्लेयर बना सकते हैं। अगर आप भी इस तरह अपने पसन्दीदा गानों को अपने ब्लॉग पर बजाना चाहते हैं तो आईये आपको ऐसा "अपलातून" प्लेयर बनाना सिखाते हैं।
सबसे पहले ईस्निप्स की साईट खोल करसबसे उपर सर्च बॉक्स में अपने पसंदीदा गानों की पहली पंक्ति लिख कर सर्च करें, जब आपका गाना आपको मिल जाये, तो उस गाने के लिंक के नीचे लिखा होगा + Add to Quicklist इस पर क्लिक करें... चित्र देखें।
इस पर क्लिक करते ही हैडर में आपकी क्विक लिस्ट में एक गाना जुड़ जायेगा अब आप एक के बाद एक जितने गानें आप चाहें जोड़ते जायें। आपको हैडर इस तरह दिखाई देने लगेगा।
( यहाँ मैने अपने पसन्दीदा कुछ गाने अपने खाते में जमा किये हैं उन्हीं में से 3 गानों को क्विक लिस्ट प्लेयर में जोड़ कर बता रहा हूँ।)
अब Create playlist widgets या Listen to playlist पर क्लिक करें। अब आपको चित्र इस तरह दिखाई दे रहा होगा और साथ ही प्लेयर भी। प्लेयर के नीचे जो एच टी एम एल कोड दिख रहा है उसे कॉपी कर लें और अपने ब्लॉग के पोस्ट वाले हिस्से में जा कर पेस्ट कर दें लीजिये आपका प्लेयर तैयार है। और हाँ मेरी पसन्द के गाने भी सुनते जाईये.. :)
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18 टिप्पणियाँ:
कोई बनाना नहीं सीखना चाहता । देखा जाए कि कितने लोग अपनाते हैं। सही तकनीकी चर्चा । गैर तकनीकी आयाम यह है कि पहले संगीत प्रेमी होना पड़ेगा ।
इतनी अच्छी जानकारी और मैं....... मोबाइल पर ये सब कैसे करूँ सागर भाई? बू हू हू...
जानकारी तो बहुत अच्छी और काम की है। और आसान भी लग रही है। देखें सफल होते है या नही।
aap ko do ten email bhejee haen jwab naa pakar yae kament dae rahee hun isey hataa dae kyoki vishaygat nahin haen
mujeh takniki saahyataa chaheyae
kyaa aap mujhse sampark karegae
ज्ञानार्जन कर लिया अब प्रयास करके बताते हैं.
यूही जानकारी उपलब्ध कराते रहिए..
bhai yahan dekho http://rana02.blogspot.com/2008/06/blog-post.html>here
THANK YOU VERY MUCH, I WILL TRY SOON :)
AFLATOON JI, PEHLE YE BATAYEN KI SANGEET SE KISKO PREM NAHI ?
bahut badhiya...kuch aor batiyiye janaab.
आपने बहुत प्यारी जानकारी दी है। मैंने कई लोगों क ब्लॉग पर ऐसे सेटप देखे थे, पर यह सब होता कैसे है, अब पता चला।
शुक्रिया।
अरे भाई, बहुत काम की बातें पता लग रही हैं यहाँ तो!
THANK YOU NAHAR JI
KAM KI CHEEZ HAI
भाई सागर जी आपने जानकारी तो बहुत बढिया दी है ! और हमको गाने सुनने का भी बड़ा शौक है ! अक्सर पुराने क्लासिकल राग सूना करते हैं! समझ आए ये जरुरी नही ! आत्मा उनमे खो जाती है ! पर हम तकनीकी रूप से भी बिल्कुल ताऊ ही हैं ! सही बताऊ तो चाह कर भी नही कर पाउँगा ! हाँ अगर जैसे मैंने ऊंटनी के तीन थन कर दिए !
कोई ऐसा उपाय हो तो बताइये ! हमारी भी इच्छा है की ऐसा कोई जोगाड़ हो जाए ! धन्यवाद !
aapka blog to bhut hi kaam ka hai. badhiya jankari.
सागरजी
आपकी इस महत्वपुर्ण जानकारी की मदद से मैने अपने ब्लाग-http://jivansafar.blogspot.com में ये प्लेयेर आसानी से लगा ली/बहुत-बहुत धन्यवाद/
सादर
संगीता
एक राजस्थानी की प्रेरणा से,एक राजस्थानी ने अपने ब्लोग पर एक राजस्थानी लोक गीतो का प्लेयर लगाया है । आपको निमंत्रण है सुनने जरूर आइयेगा ।
सागर जी, बहुत बढ़िया जुगाड़ बताया, धन्यवाद।
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